भगवान शिव की उपासना का सबसे पावन पर्व महाशिवरात्रि इस वर्ष 26 फरवरी 2025 को मनाया जाएगा। यह रात आध्यात्मिक जागरूकता और शक्ति प्राप्ति की रात मानी जाती है। इस दिन शिवभक्त व्रत, उपवास, और रात्रि जागरण करते हैं तथा विशेष रूप से शिवलिंग का जलाभिषेक कर भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को जल अर्पित करने से सभी पापों का नाश होता है, शुद्धता की प्राप्ति होती है, और मन को शांति मिलती है। परंतु, जल चढ़ाने का सही तरीका और सटीक मंत्रों का जाप करना भी उतना ही महत्वपूर्ण होता है। इन मंत्रों से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है और शिव कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
आइए जानते हैं कि महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय और जलाभिषेक के बाद किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
महाशिवरात्रि का महत्व
- महाशिवरात्रि साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में सबसे महत्वपूर्ण होती है।
- इस दिन भक्तजन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, धतूरा, भस्म आदि अर्पित कर भगवान शिव की पूजा करते हैं।
- शिवपुराण के अनुसार, जलाभिषेक से मन की अशुद्धियां दूर होती हैं, नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।
- सही मंत्रों के उच्चारण से भगवान शिव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।
शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व
भगवान शिव को जल अर्पित करने से भक्त को कई लाभ मिलते हैं:
✅ मन की शुद्धि और शांति मिलती है।
✅ नकारात्मक विचारों का नाश होता है।
✅ जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
✅ आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का निवारण होता है।
✅ भगवान शिव की कृपा से इच्छाओं की पूर्ति होती है।
शिवलिंग पर जलाभिषेक के दौरान बोले जाने वाले मंत्र
जब आप शिवलिंग पर जल चढ़ाएं, तो निम्नलिखित मंत्रों का जाप अवश्य करें। ये मंत्र भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं और आपकी पूजा को पूर्णता प्रदान करते हैं।
🔹 ॐ नमः शिवाय।
🔹 ॐ शर्वाय नमः।
🔹 ॐ विरूपाक्षाय नमः।
🔹 ॐ विश्वरूपिणे नमः।
🔹 ॐ त्र्यम्बकाय नमः।
🔹 ॐ कपर्दिने नमः।
🔹 ॐ भैरवाय नमः।
🔹 ॐ शूलपाणये नमः।
🔹 ॐ ईशानाय नमः।
🔹 ॐ महेश्वराय नमः।
🔹 ॐ नमो नीलकण्ठाय।
🔹 ॐ पार्वतीपतये नमः।
🔹 ॐ पशुपतये नमः।
🔹 ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।
🔹 ॐ इं क्षं मं औं अं।
🔹 ॐ प्रौं ह्रीं ठः।
🔹 ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
🔹 श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः।
कैसे करें मंत्र जाप?
✔ शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय इन मंत्रों का जाप करें।
✔ मंत्रों का उच्चारण शुद्ध उच्चारण और ध्यान भाव के साथ करें।
✔ हर मंत्र कम से कम 11 बार बोलें।
शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद बोले जाने वाले मंत्र
जब जलाभिषेक संपन्न हो जाए, तो निम्नलिखित मंत्रों का जाप करें:
🔹 मंदाकिनी सलिल चंदन चर्चिताय नंदीश्वर प्रमथनाथ महेश्वराय।
🔹 मंदारपुष्प बहुपुष्प सुपूजिताय तस्मे “म” काराय नमः शिवायः॥
🔹 नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय भस्माङ्गरागाय महेश्वराय।
🔹 नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय तस्मै नकाराय नमः शिवाय॥
🔹 शिवाय गौरी वदनाब्जवृंद सूर्याय दक्षाध्वरनाशकाय।
🔹 श्री नीलकंठाय वृषभद्धजाय तस्मै “शि” काराय नमः शिवायः॥
🔹 वषिष्ठ कुभोदव गौतमाय मुनींद्र देवार्चित शेखराय।
🔹 चंद्रार्क वैश्वानर लोचनाय तस्मै “व” काराय नमः शिवायः॥
🔹 यज्ञस्वरूपाय जटाधराय पिनाकस्ताय सनातनाय।
🔹 दिव्याय देवाय दिगंबराय तस्मै “य” काराय नमः शिवायः॥
🔹 पंचाक्षरमिदं पुण्यं यः पठेत शिव सन्निधौ। शिवलोकं वाप्नोति शिवेन सह मोदते॥
महाशिवरात्रि 2025 पर शिवलिंग का जलाभिषेक अत्यंत शुभ माना जाता है। सही विधि से पूजा और मंत्र जाप करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। यदि आप इन पवित्र मंत्रों का जाप करते हैं, तो आपकी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आ सकती है।
इस महाशिवरात्रि पर विधिपूर्वक शिवलिंग का जलाभिषेक करें और मंत्रों का जाप कर शिव कृपा प्राप्त करें। हर हर महादेव!
अगर आप इस तरह की और भी आध्यात्मिक जानकारियां प्राप्त करना चाहते हैं, तो “भक्ति धारा” को फॉलो करें। यहां आपको धार्मिक ग्रंथों, भक्ति, पूजा विधि, और मंत्रों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी।