लोहड़ी 2025: इस दिन क्या करें और क्या न करें?
लोहड़ी का महत्व और परंपराएं
लोहड़ी का पर्व मुख्य रूप से सिख और हिंदू समुदाय द्वारा मनाया जाता है। यह पर्व हर साल 13 जनवरी (Lohri 2025 Date) को मनाया जाता है। इसे फसलों की कटाई का उत्सव भी कहा जाता है। इस दिन लोग एकत्र होकर अग्नि जलाते हैं और उसमें मूंगफली, खील, गेहूं की बालियां और रेवड़ी अर्पित करते हैं।
लोहड़ी का उत्सव केवल खुशी और आनंद का प्रतीक नहीं है, बल्कि इसमें विशेष नियम और परंपराओं का भी महत्व है। जानें कि इस शुभ दिन पर किन कार्यों को करना शुभ माना जाता है और किन्हें करने से बचना चाहिए।
लोहड़ी के दिन क्या करें?
- दान करें:
लोहड़ी के शुभ अवसर पर दान करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। रेवड़ी, मूंगफली और अन्य खाद्य पदार्थ दान करें। इससे आपके जीवन में सुख-समृद्धि आती है। - अग्नि की पूजा करें:
अग्नि को सनातन धर्म में पवित्रता का प्रतीक माना गया है। लोहड़ी की अग्नि के सामने सच्चे मन से प्रार्थना करें और जीवन में खुशहाली की कामना करें। - आर्थिक तंगी दूर करें:
यदि आप आर्थिक समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो लोहड़ी के दिन लाल कपड़े में गेहूं बांधकर दान करें। यह उपाय आर्थिक स्थिति में सुधार लाता है। - सात्विक भोजन ग्रहण करें:
लोहड़ी के दिन सात्विक भोजन का सेवन करना शुभ होता है। इससे आपके मन और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
लोहड़ी के दिन क्या न करें?
- तामसिक भोजन से बचें:
इस दिन मांसाहार और नशे से संबंधित चीजों का सेवन करने से बचें। - वाद-विवाद न करें:
बातचीत में संयम बरतें और किसी भी तरह की बहस या झगड़े से बचें। - बड़ों का अपमान न करें:
लोहड़ी के दिन विशेष रूप से बुजुर्गों और महिलाओं का सम्मान करें। - गंदे या काले वस्त्र न पहनें:
साफ और हल्के रंग के कपड़े पहनें। गंदे या काले वस्त्र पहनने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। - अग्नि को झूठा न करें:
लोहड़ी की आग में अर्पित की गई वस्तुओं को झूठा करना वर्जित है। यह पूजा के फल को प्रभावित करता है।
लोहड़ी की परंपराएं
लोहड़ी के दिन लकड़ियों का ढेर जलाकर लोग गीत गाते हैं और नृत्य करते हैं। इस दिन दान का विशेष महत्व है।
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