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समझदारी और चतुराई की कहानी: राजा और लड़की के बीच की दिलचस्प बातचीत

Bhakti Dhaara: Exploring Hindu Dharma's essence Bhakti Dhaara: Exploring Hindu Dharma's essence

किसी समय की बात है, एक गरीब व्यक्ति राजा के पास गया और कहा, “महाराज, कृपया मुझे पांच हजार रुपये का कर्ज दें। मैं इसे पांच साल में पूरी तरह वापस कर दूंगा।” राजा ने उसकी बातों पर विश्वास किया और उसे पांच हजार रुपये दे दिए।

समय बीतने के बाद, जब पांच साल खत्म हुए और व्यक्ति ने पैसे वापस नहीं किए, तो राजा ने उसे ढूंढने का फैसला किया। वह व्यक्ति अपने घर नहीं मिला, और जब भी राजा वहाँ जाता, कोई न कोई बहाना बना दिया जाता।

एक दिन जब राजा घर पहुंचा, तो वहाँ एक छोटी लड़की बैठी थी। राजा ने उससे पूछा, “तुम्हारे पिता कहां हैं?” लड़की मुस्कराकर बोली, “पिताजी स्वर्ग का पानी रोकने गए हैं।” राजा को यह समझ में नहीं आया, तो उसने फिर पूछा, “तुम्हारा भाई कहां है?” लड़की बोली, “भैया बिना झगड़े झगड़ा करने गए हैं।”

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राजा अब पूरी तरह से उलझन में था, लेकिन उसने फिर पूछा, “तुम्हारी मां कहां हैं?” लड़की ने जवाब दिया, “माँ एक से दो करने गई हैं।”

राजा अब पूरी तरह से गुस्से में था और पूछा, “तुम यहां बैठी क्या कर रही हो?” लड़की हंसते हुए बोली, “मैं घर बैठ कर संसार देख रही हूं।”

राजा ने सोचा कि यह लड़की उसकी हर बात का उल्टा जवाब देगी, तो उसने प्यार से पूछा, “बेटी, तुम्हारी बातों का क्या मतलब है? मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा। कृपया इसे समझाओ।”

लड़की ने मुस्कराते हुए पूछा, “अगर मैं तुम्हें सब समझा दूं तो आप मुझे क्या देंगे?” राजा ने कहा, “जो तुम चाहो, वही दूंगा।”

लड़की बोली, “अगर आप मेरे पिताजी का सारा कर्ज माफ कर देंगे, तो मैं आपको सब समझा दूंगी।” राजा ने हामी भरी, “ठीक है, मैं तुम्हारे पिताजी का कर्ज माफ कर दूंगा। अब मुझे सब समझा दो।”

लड़की ने कहा, “महाराज, कल आप आए थे, तो मैं भात बना रही थी। मुझे डर था कि अगर मैं आपको समझाना शुरू करती, तो भात जल जाता। इसलिए मैंने कल सब कुछ नहीं बताया। लेकिन आज जब आप आ गए हैं, तो मैंने सब कुछ समझाया।”

राजा ने समझा कि इस लड़की में एक गहरी चतुराई है और उसने अपनी बात पूरी की। अब राजा को लगा कि यह लड़की न केवल चतुर है, बल्कि उसने समय की अहमियत भी समझी।

राजा ने उसकी चतुराई की सराहना की और उसे मोतियों की माला देते हुए कहा, “तुम्हारे पिताजी का कर्ज तो माफ कर दिया है, अब तुम लोग निश्चिंत रह सकते हो। अगर कभी किसी चीज की जरूरत हो, तो मुझसे संपर्क करो।”

लड़की के परिवार ने राजा का धन्यवाद किया और खुशी से उसे गले लगा लिया।

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