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होलिका दहन: किन लोगों को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन और क्यों?

Bhakti Dhaara: Exploring Hindu Dharma's essence Bhakti Dhaara: Exploring Hindu Dharma's essence

होलिका दहन, जिसे होली के त्योहार का एक अहम हिस्सा माना जाता है, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। यह पर्व न केवल हमें बुरी आदतों और विचारों को छोड़ने की प्रेरणा देता है, बल्कि यह हमारे जीवन में सकारात्मकता और उत्साह भरने का भी काम करता है। साल 2025 में होलिका दहन 13 मार्च को रात 11:28 से रात 12:32 बजे तक मनाया जाएगा। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों के लिए होलिका दहन देखना अशुभ माना जाता है? आइए, विस्तार से जानते हैं कि किन लोगों को होलिका दहन नहीं देखना चाहिए और इसके पीछे के कारण क्या हैं।

होलिका दहन का महत्व

होलिका दहन हिंदू धर्म में एक पवित्र अनुष्ठान है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। यह पर्व प्रह्लाद और होलिका की कथा से जुड़ा हुआ है, जहां भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को होलिका की अग्नि से बचाया गया था। इस दिन लोग बुरी आदतों और नकारात्मक विचारों को त्यागने का संकल्प लेते हैं।

हालांकि, होलिका दहन के दौरान नकारात्मक और तांत्रिक ऊर्जाएं भी सक्रिय होती हैं, जिसके कारण कुछ लोगों को इस अनुष्ठान में शामिल होने या इसे देखने से बचना चाहिए।

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किन लोगों को नहीं देखना चाहिए होलिका दहन?

1. गर्भवती महिलाएं

गर्भवती महिलाओं को होलिका दहन देखने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियां गर्भवती महिलाओं और उनके अजन्मे शिशु को प्रभावित कर सकती हैं। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, इस समय देखी गई चीजें गर्भस्थ शिशु के स्वभाव पर प्रभाव डाल सकती हैं।

इसके अलावा, होलिका दहन के दौरान आग से निकलने वाला धुआं और गर्मी गर्भवती महिला और उसके शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। भीड़ में धक्का लगने या चोट लगने का खतरा भी रहता है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए खतरनाक हो सकता है।

2. छोटे बच्चे

छोटे बच्चों का मन और शरीर बहुत संवेदनशील होता है। होलिका दहन के दौरान नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर का उन पर असर हो सकता है। साथ ही, आग से उठने वाला धुआं बच्चों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकता है।

इसलिए, छोटे बच्चों को होलिका दहन से दूर रखना चाहिए। यदि बच्चे इसे देखना चाहें, तो माता-पिता की निगरानी में ही उन्हें देखने देना चाहिए।

3. बीमार और वृद्ध व्यक्ति

शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों को भी होलिका दहन देखने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि बीमार और वृद्ध व्यक्तियों की आभा कमजोर होती है, जिसके कारण वे नकारात्मक ऊर्जा को जल्दी ग्रहण कर सकते हैं।

इसके अलावा, धुएं और आग की गर्मी से अस्थमा, हृदय रोग और उच्च रक्तचाप के मरीजों को दिक्कत हो सकती है। इसलिए, इन लोगों को होलिका दहन से दूर रहने की सलाह दी जाती है।

4. मासिक धर्म वाली महिलाएं

पारंपरिक मान्यताओं के अनुसार, मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को कोई भी धार्मिक अनुष्ठान देखने या उसमें भाग लेने से बचना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि इस दौरान शरीर की ऊर्जा कमजोर होती है, जिससे बुरी शक्तियां प्रभाव डाल सकती हैं।

यदि महिलाओं को होलिका दहन देखना जरूरी हो, तो उन्हें दूर से देखना चाहिए और बहुत देर तक वहां नहीं रुकना चाहिए।

5. नकारात्मक सोच वाले लोग

होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, इसलिए इस पवित्र अनुष्ठान में सकारात्मक और शुद्ध मन वाले लोगों को ही भाग लेना चाहिए। जो लोग ईर्ष्या, क्रोध और द्वेष से भरे होते हैं, उनके लिए यह अनुष्ठान लाभकारी नहीं होता।

इस दिन अपने मन को शांत रखें, नकारात्मकता छोड़ें और प्रेम व भक्ति के साथ होलिका दहन का सम्मान करें।

होलिका दहन के दौरान सावधानियां

  • होलिका दहन के दौरान आग से सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
  • बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें।
  • धुएं से बचने के लिए मास्क पहनें।
  • भीड़ में धक्का-मुक्की से बचें।

होलिका दहन एक पवित्र और शुभ अनुष्ठान है, लेकिन कुछ लोगों के लिए इसे देखना अशुभ माना जाता है। गर्भवती महिलाओं, छोटे बच्चों, बीमार और वृद्ध व्यक्तियों तथा मासिक धर्म वाली महिलाओं को होलिका दहन देखने से बचना चाहिए। इसके अलावा, नकारात्मक सोच वाले लोगों को भी इस अनुष्ठान में भाग नहीं लेना चाहिए।

इस तरह की और जानकारियों के लिए “भक्ति धारा” को फॉलो करें।


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