जब हम माला का उपयोग जप या आध्यात्मिक साधना के लिए करते हैं, तो यह केवल एक सामान्य माला नहीं रहती बल्कि हमारे आध्यात्मिक यात्रा का एक महत्वपूर्ण माध्यम बन जाती है। इसे सक्रिय करने के लिए विशेष प्रक्रिया अपनाई जाती है जिसे “माला प्राण प्रतिष्ठा” कहते हैं। आइए जानते हैं इसे सक्रिय करने का सही तरीका।
माला प्राण प्रतिष्ठा: माला को पवित्र और ऊर्जावान बनाने का तरीका
माला को प्राण प्रतिष्ठित करने का अर्थ है उसे आपकी ऊर्जा और साधना के उद्देश्य से जोड़ना। यह प्रक्रिया माला को सकारात्मक ऊर्जा और आध्यात्मिकता से भर देती है।
माला को सक्रिय करने की प्रक्रिया:
- सही माला का चयन करें:
- रुद्राक्ष माला: शिव साधना और शक्ति के लिए।
- तुलसी माला: भगवान विष्णु और कृष्ण भक्ति के लिए।
- स्फटिक माला: मानसिक शांति और सकारात्मकता के लिए।
- चंदन माला: पवित्रता और आध्यात्मिकता के लिए।
- माला की शुद्धि करें:
माला को गंगाजल, साफ पानी या दूध में डुबोकर शुद्ध करें। इसे धूप या दीपक के माध्यम से पवित्र करें। - माला को संकल्प से जोड़ें:
अपने मन में एक संकल्प लें और माला को उस संकल्प से जोड़ें। यह आपकी साधना के उद्देश्य को मजबूत करेगा। - मंत्र जप करें:
माला को हाथ में लेकर ‘ॐ ह्रीं नमः शिवाय’ मंत्र का तीन बार जप करें। यह मंत्र माला में ऊर्जा भरता है। - इष्टदेव को समर्पित करें:
माला को अपने इष्टदेव के चरणों में अर्पित करें और उनकी कृपा प्राप्त करें। - ऊर्जा का बंधन मजबूत करें:
माला को लेकर पांच मिनट तक ध्यान में बैठें और इसे अपनी ऊर्जा से जोड़ें।
माला के उपयोग के दौरान ध्यान देने योग्य बातें:
- माला को केवल जप और साधना के लिए उपयोग करें।
- इसे पवित्र स्थान पर रखें और अशुद्ध स्थानों से दूर रखें।
- माला को गले या हाथ में पहनें।
अपनी माला को सही तरीके से सक्रिय करके अपनी साधना को और अधिक प्रभावी बनाएं। माला के साथ आपका आध्यात्मिक जुड़ाव आपकी ऊर्जा को सकारात्मक और प्रबल बनाएगा।
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